इंदौर से 45 किलोमीटर दूर हनुमान जी का एक अनोखा धाम , ओखलेश्वर मठ  


इंदौर। (दिनेश पाल 8889363636)
हनुमान जी का एक अनोखा धाम इंदौर से करीब 45 किलोमीटर दूर जंगल में स्थित ओखलेश्वर मठ । यह स्थान तीन जिलों इंदौर, खरगोन व देवास की सीमा पर स्थित है।ओखलेश्वर मठ में स्थापित हनुमानजी की प्रतिमा दुर्लभ और अनूठी है क्योंकि इनके एक हाथ में शिवलिंग है, जबकि ज्यादातर मूर्तियों के हाथ में द्रोणागिरि पर्वत होता है। देश की यह पहली मूर्ति है।इस मंदिर की एक और विशेषता यह है कि यहां हनुमान जी को सिर्फ रोहिणी नक्षत्र में ही चोला चढ़ाया जाता है, जबकि अन्य मंदिरों में मंगलवार को शनिवार को चोला चढ़ाया जाता है। हनुमान जयंती की पूर्णिमा पर बजरंगबली का सहस्त्रधारा अभिषेक होता है।


इस क्षेत्र को पुन: सुर्खियों में लाने का श्रेय जाता है ब्रह्मलीन संत ओंकारदासजी महाराज को। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने पुष्कर के निकट वामदेव की गुफा में कठोर तपस्या की थी तत्पश्चात शिव के आदेश से ही वे अखिलेश्वर मठ आए थे। जिस समय वे आए थे, उस समय घना जगंल तो था ही जंगली जानवर भी यहां काफी संख्या में थे। उन्होंने ही वर्षों से जीर्णशीर्ण इस मंदिर को पुन: जागृत किया था।
ब्रह्मलीन ओंकारप्रसाद जी महाराज ने 1976 में यहां अखंड रामायण पाठ शुरू की थी। वह अब भी जारी है। 
इसी मंदिर परिसर में एक शिव मंदिर भी है। जिसके बारे में मंदिर के महंत सुभाष पुरोहित बताते है यह द्वापर काल का है। यहां तीन शिलालेख भी उत्कीर्ण है। स्पष्ट नहीं होने के कारण उन्हें पढ़ा नहीं जा सकता। यहां एक कुंड भी है।


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